एम. ए. हिंदी (पाठ्यक्रम)
प्रथम सेमेस्टर
1 आधुनिक हिंदी कविता-I
- मैथिलीशरण गुप्त -साकेत
- जयशंकर प्रसाद -कामायनी
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -राम की शक्ति पूजा, तोड़ती पत्थर,बादल राग
- रामधारी सिंह दिनकर- कुरुक्षेत्र
2 आधुनिक गद्य साहित्य-I
1.गोदान-प्रेमचंद
2.बाणभट्ट की आत्मकथा -हजारी प्रसाद द्विवेदी
3.अतीत के चलचित्र -महादेवी वर्मा
4.निर्धारित कहानी उसने कहा था, कफन,आकाशदीप,पत्नी,वापसी,लाल पान की बेगम
3 हिंदी साहित्य का इतिहास –I
1.आदिकाल
2.भक्तिकाल(संत काव्य,सूफी काव्य, राम काव्य,
कृष्ण काव्य)
3.रीतिकाल (रीतिबद्ध,रीति सिद्ध,रीतिमुक्त)नामकरण और
समय सीमा और काव्यगत विशेषताएं
4 भाषा विज्ञान एवं हिंदी भाषा-I
1.भाषा
2.स्वर्णिम विज्ञान
3.रूप विज्ञान एवं वाक्य विज्ञान
4.अर्थ विज्ञान
5.भाषा लिपि एवं अन्य विषय संबंध
5 विशेष रचनाकार कबीर दास-I
1.भक्ति आंदोलन और कबीर
- निर्गुण मत और कबीर
- निर्गुण काव्य परंपरा और कबीर
4.मध्यकालीन धर्म साधना और कबीर
5.कबीर का समय
6.कबीर का जीवन वृत्त
7.कबीर का कृतिका
8.कबीर का समाज दर्शन
9.कबीर का दर्शन चिंतन
10.कबीर की भक्ति भावना
द्वितीय सेमेस्टर
1 आधुनिक हिंदी कविता-II
- नागार्जुन
- गजानन माधव मुक्तिबोध
- रघुवीर सहाय
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय
2 आधुनिक गद्य साहित्य-II
1.चंद्रगुप्त-जयशंकर प्रसाद
2.आधे अधूरे -मोहन राकेश
3.आवारा मसीहा- विष्णु प्रभाकर
4.निबंध– साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है, कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता,मजदूरी और प्रेम, कविता
क्या है, नाखून क्यों बढ़ते हैं, पगडंडियों का जमाना ,
अस्ति की पुकार हिमालय
3 हिंदी साहित्य का इतिहास-II
1.आधुनिक हिंदी साहित्य-परिवेश राजनीतिक सामाजिक
सांस्कृतिक आर्थिक और साहित्यिक
2.भारतेंदु युग
3.द्विवेदी युग
4.छायावादी युग
5.उत्तर छायावादी काव्य (प्रगतिवाद,प्रयोगवाद,नई कविता ,नवगीत,समकालीन कविता, प्रवृत्तिगत विशेषताएं
6.हिंदी गद्य विधाओं का उद्भव विकास (कहानी,नाटक ,संस्मरण,जीवनी, रिपोतार्ज, उपन्यास,निबंध,रेखाचित्र,आत्मकथा
7.हिंदी आलोचना का उद्भव एवं विकास
8.दक्षिणी हिंदी साहित्य का संक्षिप्त परिचय
9.हिंदी की संस्कृति
4 भाषा विज्ञान एवं हिंदी भाषा-II
1.हिंदी भाषा का इतिहास
- हिंदी का विकासात्मक स्वरूप
- हिंदी का भाषिक स्वरूप
4.नागरी लिपि और हिंदी प्रचार प्रसार
5.हिंदी कंप्यूटिंग
5 विशेष रचनाकार कबीर दास-II
1.कबीर ग्रंथावली– पद
2.रमैनी संपूर्ण
आलोच्य विषय
1.कबीर का स्त्री विषयक चिंतन
2.कबीर की मानवतावादी दृष्टिकोण
- कबीर का रहस्यवाद
4.कबीर के राम
- कबीर के प्रासंगिकता
6.कबीर के काव्य रूप
7.कबीर की उलट बांसिया
8.कबीर की प्रतीक योजना
9.कबीर की भाषा
10.कबीर के पारिभाषिक शब्द
6 समाजशास्त्र-II
7 फंडामेंटल कंप्यूटर-II
तृतीय सेमेस्टर
1 प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य-I
1.चंद्रवरदाई- पृथ्वीराज रासो
2.विद्यापति – विद्यापति की पदावली
3.कबीर – हजारी प्रसाद द्विवेदी
2 भारतीय काव्यशास्त्र-I
काव्य स्वरूप और प्रकार, रस सिद्धांत,अलंकार सिद्धांत, रीति सिद्धांत,ध्वनि सिद्धांत,वक्रोक्ति सिद्धांत और वह ओचित्य सिद्धांत (स्वरूप तथा स्थापना)
3 भारतीय साहित्य-I
1.भारतीय साहित्य की सैद्धांतिक अवधारणा
2.बांग्ला साहित्य इतिहास का परिचयआत्मक अध्ययन 3.बांग्ला एवं हिंदी साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन
4 नाटक और रंगमंच-I
हिंदी नाटक एवं रंगमंच परिचयात्मक अध्ययन
* हिंदी नाटक उद्भव में विकास
*नाटक का तत्व विवेचन
*नाटक और रंगमंच का अंतर संबंध
*हिंदी रंगमंच का उद्भव और विकास
*नाटक में दृश्य श्रव्य तत्व
*हिंदी रंगमंच,रंगशाला, अभिनेता, निर्देशक,दर्शक,फारसी रंगमंच,पृथ्वी थिएटर,नुक्कड़ नाटक
नाटक
1.भारत दुर्दशा -भारतेंदु हरिश्चंद्र
2.आषाढ़ का एक दिन मोहन राकेश
5 विशेष रचनाकार प्रेमचंद-I
बड़े भाई साहब,नशा,ईदगाह,नमक का दरोगा,सवा शेर गेहूं, बड़े घर की बेटी,शतरंज के खिलाड़ी,रामलीला,आत्माराम, ठाकुर का कुआं, दो बैलों की कथा,पंच परमेश्वर, परीक्षा, कफन
* निर्धारित निबंध नया जमाना पुराना जमाना, महाजनी सभ्यता, सांप्रदायिकता और संस्कृति का उद्देश्य, जीवन और साहित्य में घृणा का स्थान,कहानी कला
चतुर्थ सेमेस्टर
1 प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य-II
1.सूरदास-भ्रमरगीत सार
2.तुलसीदास-कवितावली
- बिहारी-बिहारी दोहे
2 भारतीय काव्यशास्त्र-II
पाश्चात्य काव्यशास्त्र सिद्धांत और वाद
प्लेटो,अरस्तु, लोनजाइनस,वूडवर्थ, कॉलरिज,मैथ्यू अर्नाल्ड टी.एस इलियट,आई ए रिचर्ड्स
पाश्चात्य काव्यशास्त्र स्वच्छतावाद,शास्त्रीयतावाद,अभिव्यंजनावाद, अस्तित्ववाद,उत्तर आधुनिकतावाद
3 भारतीय साहित्य-II
दीवाने ग़ालिब
रविंद्र नाथ की कहानी–पोस्टमास्टर काबुलीवाला, दृष्टि दान,नष्ट नीड,पत्नी का पत्र पात्र और पात्री
संस्कार उपन्यास यू आर अनंत मूर्ति
4 नाटक और रंगमंच-II
1.अंधा युग –धर्मवीर भारती
2.एक सत्य हरिश्चंद्र–लक्ष्मी नारायण लाल
3.एक कंठ विषपायी–दुष्यंत कुमार
4.बकरी– सर्वेक्षण दयाल सक्सेना
5 विशेष रचनाकार प्रेमचंद-II
1.रंगभूमि
2.कर्मभूमि
3.प्रेमाश्रम
हिंदी विषय में आगे बढ़ने का क्षेत्र
अगर हम उत्तर भारत में पैदा हुए हैं तो मुझे नहीं लगता है कि हमें कोई और कारण ढूंढना चाहिए हिंदी पढ़ने के लिए। जिस किसी ने भी हिंदी भाषा क्षेत्र में जन्म लिया है वह यह जानता है कि हिंदी भाषा क्षेत्र का बच्चा हिंदी के अक्षर ज्ञान से पहले ही भाषा बोलना सीख जाता है और जो भाषा हम बिना पढ़े केवल सुनकर ही बोलना सीख जाते हैं वही हमारी मातृभाषा है और यही मातृभाषा होने का लक्षण है। हम मातृभाषी हैं तो हमें उसके साहित्य का और व्याकरण का भी अध्ययन करना चाहिए,रही बात करियर की तो हिंदी भाषा में दक्षता प्राप्त करके हिंदी के अच्छे अध्यापक बन सकते हैं। हिंदी विषय में दक्षता प्राप्त करने के लिए पाठ्यक्रम में विभिन्न प्रकार के ऐसे कोर्स व गतिविधियां प्रदान की गई है जिसमें कि आप उसमें दक्षता प्राप्त कर सकते हैं चाहे वह एक लेखक के रूप में हो,चाहे साहित्यकार के रूप में हो,चाहे वह पत्रकार के रूप में हो ,चाहे वह भाषा में अपना करियर बनाने के रूप में हो।ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें आप महारत प्राप्त न कर सके। हिंदी विषय में गूगल पर ब्लागिंग में अपना करियर बना सकते हैं। अगर आप हिंदी विषय को चुनते हैं तो आप विभिन्न भाषाओं का अनुवाद कार्य हिंदी में कर सकते हैं अगर आपको अलग-अलग कवियों की रचनाएं पसंद आती हैं या उसमें रुचि रखते है तो आप एक अच्छे कवि,लेखक व साहित्यकार भी बन सकते हैं। हिंदी में करियर बनाने के लिए समाचार एडिटिंग, संपादक, जर्नलिस्ट जो आज की मुख्य शर्त है। एक अच्छे जर्नलिस्ट बनने के लिए भाषा का पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी है तो आप इसके लिए हिंदी विषय का चुनाव कर सकते हैं अगर आपको हिंदी विषय में टाइपिंग करना अच्छा लगता है तो आप एक अच्छे टाइपिस्ट व स्टेनोग्राफर भी बन सकते हैं। देश विदेश में जो भी सीरियल, सीरीज बनाई जा रही है उसमें भी आप हिंदी विषय में अपना कैरियर बना सकते हैं अगर आप का उच्चारण शुद्ध है तो आप अपनी भाषा को माध्यम बनाकर उनका अनुवाद हिंदी में बोलकर कर सकते हैं। देश विदेश में जो भी व्यापार हो रहा है, रेडियो,युटुब, गूगल, दूरदर्शन पर चलचित्र के माध्यम से उनका प्रचार प्रसार बढ़ाने मे अपना कैरियर बना सकते हैं। भारत सरकार के द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज एग्जाम के लिए भी परीक्षार्थी हिंदी विषय का चयन करके परीक्षा को उत्तीर्ण करते हैं। इसीलिए हिंदी भाषा को अन्य भाषा के साथ कम करके नहीं आंका जा सकता है।